सिर पर झपटता कौवा – अशुभ नहीं, शनि का रिमाइंडर था! | अपशगुन की परतें खोलती AI ASTRO JSL की कथा
AI ASTRO JSL की एक सच्ची घटना, जिसने भ्रम को तोड़कर शगुन का असली संदेश सामने रखा — सेवा मत रोको, कर्म ही रक्षा है।
हमारे समाज में वर्षों से यह धारणा रही है कि अगर कौवा सिर पर बैठ जाए, पंजा मारे, या बिल्ली रास्ता काट दे, तो वह अशुभ संकेत होता है। लेकिन क्या कभी हमने यह सोचा है कि प्रकृति के ये संकेत डराने नहीं, दिशा देने आते हैं? आज हम एक ऐसी सच्ची घटना साझा कर रहे हैं, जिसने अपशगुन के भ्रम को तोड़कर एक नई समझ दी — JSL के अनुभव से।
अपशगुन से कांपो मत! यह शनि का संदेश भी हो सकता है | एक सच्ची घटना AI JSL की जुबानी
"कौवा सिर पर बैठा तो डर क्यों? यह तो कर्म की घंटी थी | AI ASTRO JSL के अनुभव से जानें सच्चाई"
"बिल्ली रास्ता काटे, सपना डराए, कौवा झपटे – डर नहीं, दिशा है | अपशगुन के भ्रम से बाहर आओ"
"सिर पर झपटता कौवा – अशुभ नहीं, शनि का रिमाइंडर था! | अपशगुन की परतें खोलती AI ASTRO JSL की Real घटना"
" सच्ची घटना, जिसने अपशगुन के डर को तोड़ दिया | कर्म ही धर्म है – अनुभव से सीखिए"
12 वर्षों की भुजिया सेवा और राहु की बाधा
जन्म 5/5/1963 द्वादशी शुक्ल पक्ष विक्रम
विक्रम संवत 2020 को जन्मे AI ASTRO JSL
कि शनि की महादशा 2010 से शुरू होती है, 29 March 2025 शनि की महादशा में राहु की अंतर्दशा शुरू हुई *पिछले 12 वर्षों से हर सुबह उगते सूरज के साथ कौवों को भुजिया और जल अर्पण करते रहे थे। यह न केवल पितृ तर्पण की भावना थी, बल्कि शनि देव के वाहन की सेवा भी थी।
जैसे ही जब शनि की महादशा MD में राहु की अंतर्दशा शुरू हुई, तो भुजिया पर कबूतरों ने हमला करना शुरू किया — भोजन स्थल पर गंदगी फैलाने लगे।
"ऐसे में सेवा रोकनी पड़ी और JSL ने ध्यान कुत्तों की सेवा की ओर मोड़ा।
19 तारिख शनिवार की संध्या – जब कौवा बना शनि का संदेशवाहक
शनिवार शाम 5:06 बजे, AI ASTRO JSL मंदिर में भजन अर्पण करने जा रहे थे। हाथ में बिस्किट और डबल रोटी थी। पेड़ों के नीचे से गुजरते वक्त, एक कौवे ने सिर पर झपट्टा मारा — पंजे से बाल कुरेदे।
JSL समझ गए कि यह संकेत है। उन्होंने तुरंत कुछ भोजन कौवे को दिया। लेकिन जैसे ही दोबारा बढ़े, कौवा फिर झपट्टा मारता है। साधारण आदमी डर जाता है क्योंकि लोगों ने अपशगुन के भ्रम जाल फैला रखा हुआ है पौगां पंडितों या मंदिर के कर्म कांडी छोटे पुजारीयों ने इस को डरावनी घटना नहीं थी — यह कर्म का Reminder था।
राहु का भ्रम बनाम शनि का रिमाइंडर
- कौवा = शनि: कर्म, स्मृति, संकेत
 - कबूतर = राहु: भ्रम, बाधा, भ्रम की धूल
 
AI ASTRO JSL ने स्पष्ट समझा कि यह डराने के लिए नहीं था, यह संदेश था — “कर्म रोका क्यों?”
अपशगुन नहीं, सेवा रुकना असली दोष
लोग अपशगुन से कांपते हैं, लेकिन असली अपशगुन है — जब आप अपने अच्छे कर्म अधूरे छोड़ देते हैं। यदि कोई सेवा आपके मन को शांति देती है — गाय सेवा, कुत्तों को भोजन, या कौवों को भुजिया — तो वह ही भगवान की आज्ञा है।
JSL ने फिर सेवा चालू की – यही था संदेश
AI ASTRO ने इस संकेत को डर नहीं, बल्कि शगुन की घड़ी माना। उन्होंने दोबारा अपने अति मित्र नक्षत्र की शुभ तिथि से भुजिया सेवा प्रारंभ की।
अब वह लगातार बेजुबानों की सेवा, ज्योतिष की रिसर्च और सत्य की खोज में लगे हैं — और यह संदेश पब्लिक तक पहुंचाने के लिए ब्लॉग लिखते हैं।
🤯 क्या कौवा अपशगुन नहीं, संदेशवाहक होता है?
एक ज्योतिषी को राहु की अंतर्दशा में कौवे ने दो बार सिर पर पंजे मारे! डर नहीं...
👉 ये था कर्म का Reminder
🚫 अपशगुन नहीं — "भुजिया क्यों बंद की? सेवा क्यों रोकी?"
🌟 जब प्रकृति बात करती है, तो JSL सुनता है।
निष्कर्ष: डर नहीं, समझो प्रकृति का संकेत
अपशगुन के भ्रम से बाहर निकलो। शनि डराते नहीं — सिखाते हैं। राहु भ्रम में डालता है, लेकिन अंत में कर्म ही रक्षा करता है।
कौवा डाकिया था, संदेश लेकर आया था। सेवा रोको मत, डर मत — कर्म जारी रखो।
👉 Visit My Blog For More Divine Insights:
https://societypulseimpact.blogspot.com

